भ्रमण स्थान


चूड़ी  अजीतगढ़  में हवेलिया 

हवेली 
चूड़ी  अजीतगढ़  की हवेलिया  दरवाजे, बेडरूम, छत और दीवारों पर चित्रित भित्ति चित्रों के लिए जानी जाता है. उस समय की सामाजिक संकोचनों को ध्यान में रखते हुए, इनको  बहुत ही निजीऔर विशेष प्रकार से बनाया गया है

ठीक फ्रेस्को काम के कुछ उदाहरण स्पष्ट और अच्छे  है. ठीक फ्रेस्को काम के कुछ उदाहरण शिवदत्त राय जगन लाल की  हवेली, राम प्रताप नेमानी की  हवेली, शिव नारायण नेमानी की  बैठक और नेमानी कोठी  स्पष्ट है।

 इन  हवेलियों में  आंगनों, उत्कृष्ट जालीदार खिड़कियों, जटिल दर्पण काम गुंबददार छत, विशाल बालकनियों, और अलंकृत प्रवेश द्वार और फकादेस  है.



गाँव में मंदिर 

माँ बद्री धाम | बद्री माता का भव्य मंदिर

  • बद्री माता का मंदिर - यह मंदिर गाँव के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है यह मंदिर लगभग 400 वर्षे पुराना है । मंदिर गाँव के बाहर जोधाना जोहड़ के पास बीहड़ में स्थित है । मंदिर का प्रांगन बहुत ही खुबसूरत है प्रागंण में इसके इसके अलावा भी भगवान शिव और हनुमान जी का मंदिर भी है, जिससे मंदिर की और भी आकर्षित करता है । मंदिर में भक्तो का ताँता लगा रहता है । मंदिर के चारो और हरियाली और बगीचा है । बद्री माता के मंदिर का संचालन "उमा सेवा निधि" ट्रस्ट करता है जिसके संचालक श्री सांवरमल सराफ है ।
  • श्री श्याम बाबा का मंदिर - गाँव में दो श्याम मंदिर है एक गाँव के बिचो - बीच स्थित है तथा दूसरा गाँव के बाहर बीहड़ में स्थित है दोनों मंदिर ही काफी खुबसूरत है । कृष्णा जन्मास्थमी पर मेला लगता है और झांकिया भी निकाली जाती है । 
  • हनुमान जी का मंदिर - गाँव में कुल मिलाकर 6-7 मंदिर है इनमे सबसे प्रमुख पंचमुखी बालाजी का मंदिर है जो गाँव से बाहर मंडावा - मुकन्दगढ़ रोड पर है इसके अलावा भी हनुमानजी के मंदिर काफी लोकप्रिय है । गाँव में हनुमान भक्त सबसे अधिक है । हनुमान जयंती पर पूजा - अर्चना , रात्रि -जागरण , व स्वमणि (प्रसाद) किये जाते है । 
  • माताजी के मंदिर - गाँव में माताजी के मंदिर 3-4 में है । इनमे सबसे प्रमुख बद्री माता का मंदिर है जिसके बारे में हम पहले भी बता चुके है , इसके अलावा भी गाँव में कालका माता और संतोषी माता का मंदिर है जो भी काफी लोकप्रिय है । नवरात्री के दिनों में गाँव में माताजी के जयकारे गूंजते सुनाई पड़ते है